आगामी चुनाव के मद्देनजर भाजपा का सभी प्रकोष्ठ संताल में हुआ सक्रिय / घुसपैठ कर रहे या वर्षों से रह रहे बांग्लादेशियों को चिन्हित करने का सवाल उठ चुका है सदन में
अमित राजा / देवघर। भाजपा ने आगामी आम चुनाव को लेकर पूर्वोत्तर के प्रयोग को संताल परगना में उतारने का ‘रोड मैप’ तैयार किया है। भाजपा इस रणनीति का खुलासा तो नहीं कर रही, लेकिन उसकी सारी सक्रियता इसी दिशा में बढ़ने का संकेत है। एनआरसी (रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) को शीघ्र यहां लागू करने की बात पार्टी के कमोबेश सभी कार्यक्रमों में उठी है। नागरिकता कानून में संशोधन का विधेयक लोकसभा में पारित किये जाने की उपलब्धि बताते हुए पार्टी की निचली कमेटियां तक गांवों में कह रही हैं कि भाजपा का एजेंडा आगे बढ़ाया जा रहा है। राजमहल के भाजपा विधायक अनंत ओझा तो सदन में दो बार संताल परगना में घुसपैठ कर रहे या वर्षों से रह रहे बांग्लादेशियों को चिन्हित करने का सवाल उठा चुके हैं। अब, माना जा रहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करने के मामले में कोई आदेश देकर मोदी सरकार एक और ‘छक्का’ जल्द जड़ सकती है।
सूत्रों के मुताबिक आम चुनाव में भाजपा ने हिंदी पट्टी में अपने संभावित नुकसान की भरपाई के लिए यहां के कुछ वैसे पॉकेटों को चुना है, जहां भाजपा 2014 के आम चुनाव में कमजोर रही थी। ऐसे पॉकेटों में से ही झारखंड का संताल परगना भी है। यहां के तीन लोकसभा सीटों में से दो पर झामुमो का कब्जा है। देश के पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से सतर्क भाजपा ने हिंदी पट्टी में संभावित नुकसान की भरपाई के लिए पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के राज्यों पर भी नजर संताल परगना की तर्ज पर ही बना रखी है।
बांग्लादेशी घुसपैठ है संताल में बड़ा मसला
बांग्लादेशी घुसपैठ संताल के पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा जिले में बड़ा सवाल रहा है। भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कुछ महीने पूर्व पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि साहिबगंज में ढाई-तीन दशक पहले एक उपायुक्त की पहल पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित किये जाने की पहल हुई थी। लेकिन, कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति से मामला कहीं फंस गया था। श्री ओझा ने एनआरसी को झारखंड में भी लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि संताल परगना पूरी तरह बांग्लादेशी घुसपैठ से प्रभावित है।
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे गोड्डा के बोआरीजोर प्रखंड के कंदनिया गांव में गरीब यादव परिवार पर जबतन इस्लाम लादने का मामला उठाया था। झारखंड विशेष शाखा के एसपी (एन) ने राज्य के बड़े पुलिस पदाधिकारियों को पत्र लिखकर मामले में सतर्क किया तो सांसद दुबे ने मामले को सियासी बिसात पर फौरन मोहरे की तरह सजा लिया। इसमें बांग्लादेशी लोगों का नाम लिये बिना कहा कि धर्म परिवर्तन में विदेशी ताकतें शामिल हैं। जो हो, कई भाजपा नेता क्षेत्र में छोटे से लेकर कई बड़े अपराध की वजह बांग्लादेशियों के घुसपैठ को बताते रहे हैं।
संताल का भाजपा ने खोजा पूर्वोत्तर कनेक्शन
कई पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता सत्संग आश्रम के अनुयायी रहे हैं। इस आश्रम के अनुयायियों की संख्या पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम समेत ओड़ीशा में अच्छी खासी है। ऐसे में राजनीतिक प्रेक्षक बताते हैं कि भाजपा की कोशिश आश्रम के अनुयायियों पर डोरे डालने की है। गौरतलब है कि तीन महीने के भीतर इस आश्रम में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव देव व आरएसस प्रमुख मोहन भागवत आ चुके हैं। हालांकि ये बताना जरूरी है कि इन नेताओं के दौरे निजी रहे हैं।
राजमहल व दुमका में दम भरेगी भगवा ताकत
भाजपा और पूरी भगवा ताकत इस बार राजमहल और दुमका फतह में जुट गयी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दौरा भी इसी मद्देनजर तय हुआ था। हालांकि उनकी तबीयत बिगड़ने पर दौरा स्थगित हुआ। अमित शाह की देवघर में पुश्तैनी जमीन होने या नहीं होने के विवाद में अभी नहीं जाते हैं। लेकिन, जब उनकी देवघर में पुश्तैनी जमीन की बात गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने उठायी, तो राजनीतिक प्रेक्षकों को पार्टी की संताल को लेकर अंदर ही अंदर पक रही खिचड़ी का स्वाद समझ में आ गया। ये अलग बात है कि कांग्रेस के जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने देवघर में उनकी जमीन होने की सच्चाई पर सवाल उठाया।
पिछले महीने दुमका में भाजपा के एक कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष लक्षमण गिलुआ ने कहा कि राज्य की 12 सीटों पर फिर जीत हासिल करने और राजमहल व दुमका इस बार जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को संकल्प लेकर काम करने की जरूरत है। संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों के साथ झारखंड में हुए कामों के बारे में भी जनता को कैडर बतायें। 25 अगस्त 2018 को भाजपा के संताल परगना प्रमंडल स्तरीय बैठक में पार्टी ने कार्यकर्ताओं को दुमका और राजमहल लोकसभा सीटों पर भी भाजपा की जीत के लिए जिम्मेदारियां दी। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने बताया कि संताल की सभी 18 विधानसभा सीट स्तर पर काउंसिलिंग के लिए टीमें बनी हैं। दूसरी ओर सरकारी योजनाओं में संताल परगना पर फोकस करने पर भी सरकार का जोर लोगों ने महसूस किया है।